हापुड़, सीमन (ehapurnews.com) : अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश एससी/एसटी एक्ट अदालत में विचाराधीन सामूहिक दुष्कर्म से जुड़े एक मामले में हापुड़ कोतवाल की कार्रवाई से अदालत नाराज है। ऐसे में हापुड़ कोतवाल के खिलाफ अदालत ने धारा-177 के तहत मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं जिससे पुलिस महकमे में हड़कंप मचा है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार शहर कोतवाल ने अपनी जांच आख्या में अपर सत्र न्यायालय को गुमराह करने का प्रयास किया।
यह है मामला:
ज्ञात हो कि पिछले वर्ष 7 अक्टूबर को हापुड़ में स्थित एक ओयो होटल में अपहरण के बाद सामूहिक दुष्कर्म का मामला सामने आया था। हापुड़ कोतवाली पुलिस ने कार्रवाई करते हुए गौरव तथा रितिक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। इसके बाद मामला न्यायालय पहुंच जो कि अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश एससी एसटी एक्ट के न्यायालय में विचारधीन है। मामले में शहर कोतवाल नीरज कुमार ने जांच आख्या न्यायालय में प्रस्तुत की।
कोतवाल के खिलाफ हो धारा-177 में मुकदमा दर्ज:
28 मई 2024 दिन मंगलवार को दैनिक जागरण के हापुड़ संस्करण में छपी खबर के अनुसार गैंगरेप के मामले में इंस्पेक्टर नीरज कुमार ने अपनी आख्या में न्यायालय को गुमराह करने का प्रयास किया। कोतवाल द्वारा एक ही घटना व घटनास्थल की अलग-अलग रिपोर्ट प्रस्तुत करने को लेकर अदालत ने गंभीरता से लिया है। अदालत ने अपने आदेश में लिखा है कि “इंस्पेक्टर नीरज कुमार ने न्यायालय के समक्ष मिथ्या कथन करते हुए आख्या प्रस्तुत की है। विवेचक द्वारा इस मामले में सम्यक रूप से निष्पक्ष विवेचना प्रस्तुत नहीं की गई है। ऐसे में इंस्पेक्टर नीरज कुमार के खिलाफ धारा-177 के तहत मामला दर्ज करने के आदेश दिए हैं।”
क्या है धारा 177:
यदि कोई व्यक्ति किसी लोक सेवक यानी सरकारी कर्मचारी व अधिकारी को किसी मामले से जुड़ी कोई भी गलत सूचना या जानकारी देता है तो उसके खिलाफ आईपीसी की धारा-177 के तहत मुकदमा दर्ज होगा। वह 177 के तहत अपराधी है और इस मामले में कारावास भी हो सकती है। कोर्ट के आदेश से हड़कंप मचा है।
क्या बोले अधिकारी: हापुड़ के पुलिस क्षेत्राधिकारी वरुण मिश्रा ने कहा कि मामले की जानकारी नहीं है। हालांकि न्यायालय इस तरह के आदेश देते रहते हैं। ऐसे मामलों में रिपोर्ट दर्ज नहीं होती है। दरअसल आख्या को और स्पष्ट करके प्रस्तुत करना होता है। पुलिस का कार्य अपराधी को कड़ी सजा दिलाना है। हमारा कोई अधिकारी आरोपितों को बचाने का प्रयास कर ही नहीं सकता। इस मामले को वह देखेंगे।
दिल्ली की डॉ शूची तनेजा दुआ अब हापुड़ शहर में : 7017732103