हापुड़ का एक ऐसा व्यक्तित्व, जिसकी आज स्मृति शेष है
हापुड़,सीमन (ehapurnews.com): समाज में ऐसे व्यक्तित्व को सदैव याद किया जाता है, जो समाज को कुछ देने के लिए इस धरा पर जन्म लेते हैं और अपने पूर्वजों से मिले संस्कारों के बल पर नेक कार्यों तथा भारतीय और सनातन संस्कृति को आगे बढ़ाने का कार्य करते हैं।ऐसे ही एक व्यक्तित्व थे, हापुड़ के प्रमुख उद्यमी लौकेश कुमार सिंघल,जिन्होंने अपने पिताश्री व माताश्री से मिले संस्कारों को ग्रहण कर समाज सेवा के क्षेत्र में ऐसे अनेक कार्य किए जिनके लिए वह सदैव याद किए जाएंगे। हापुड़ में बिजली वालों के नाम से मशहूर पिताश्री रायजादा रामगोपाल सिंघल के परिवार में माताश्री गोदावरी देवी की कोख से स्वाधीनता के दिन 15 अगस्त 1947 को श्री लौकेश कुमार सिंघल ने जन्म लिया। पिताश्री व माताश्री से धार्मिक व सामाजिक संस्कार मिले और स्नातक तक शिक्षा ग्रहण की। लौकेश कुमार सिंघल ने पिताश्री के कारोबार को आगे बढ़ाते हुए हापुड में गोपाल इलैक्ट्रीक स्टोर व यू० पी० इंसुलेटिंग केबल कम्पनी नाम से दो प्रतिष्ठान की स्थापना की। व्यापार में कभी गुणवत्ता से समझौता नहीं किया जिसका परिणाम यह हुआ कि व्यापारिक गतिविधियां संचालित करते हुए व्यापार में खूब नाम व यश अर्जित किया।धर्म और संस्कृति के क्षेत्र में लौकेश कुमार सिंघल की रुचि किसी से छिपी नहीं है। उन्होंने अनेक बार श्रीराम कथाओं व गीता जयन्ती के आयोजन कराये। धार्मिक पुस्तकों व गंगाजल का सदैव निःशुल्क वितरण, अन्नकूट वितरण, भंडारे का आयोजन किए। उन्होंने पिताश्री से मिली प्रेरणा को आगे बढ़ाते हुए रायजादा राम गोपाल धर्मार्थ समिति, हापुड़ की स्थापना की और समिति के संस्थापक सचिव बने। श्री लौकेश कुमार सिंघल ने रायजादा राम गोपाल धर्मार्थ समिति के माध्यम से अनेक सेवा प्रकल्प संचालित किये। सेवा प्रकल्पों में अंतिम यात्रा वाहन, एम्बुलेंस, होम्योपैथिक डिस्पेंसरी तथा सर्दी में कम्बल वितरण, गर्मी में जल सेवा, अंतिम संस्कार का सामान लाभ रहित मूल्यों पर उपलब्ध कराना, लोगों को धार्मिक यात्राएं कराना आदि प्रमुख हैं।
पिताश्री के स्मृति दिवस पर छात्र-छात्राओं के लिए अनेक प्रतियोगिताएं आयोजित कराना और फिर समारोह आयोजित कर विजयी प्रतियोगियों तथा विभिन्न क्षेत्रों में नाम कमाने वाले नागरिकों, मेधावी छात्र-छात्राओं को गोपाल श्री, गोपाल रत्न सम्मान से सम्मानित करना उनके जीवन का लक्ष्य था।परिवार के पूर्वजों की स्मृति को बनाए रखने के लिए उनकी यह एक अनोखी पहल थी। उन्होंने धार्मिक क्षेत्र में अपनी रूचि के पहिए को यहीं नहीं थमने दिया। हापुड़ के जवाहर गंज में स्थापित प्राचीन श्री शिव मंदिर के प्रधान रहे और वृंदावन के परिक्रमा मार्ग पर अटाला चुंगी पर ही राधाकृष्ण मंडपम् आश्रम की स्थापना कराई और जीवन पर्यन्त सचिव रहे। गोवर्धन परिक्रमा मार्ग पर स्थित भजनाश्रम के लिए सदैव अन्न दान के लिए परिवार को प्रेरित किया। श्री लौकेश कुमार सिंघल हापुड़ के ऐसे व्यक्तित्व थे जिन्होंने अनेक बार कथा वाचकों को आमंत्रित कर हापुड में श्री राम कथाओं की प्रथा को आगे बढ़ाया ताकि हापुड की भूमि संतों के पदार्पण से पुण्य बनी रहे।
श्री लौकेश कुमार सिंघल श्री शिक्षा प्रसार समिति हापुड़, पंचायती श्री गौशाला हापुड़, दी चैम्बर आफ कामर्स हापुड़ एवं सनातन धर्म सभा, हापुड़ के सदस्य रहे और लघु उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए धीरखेड़ा इंडस्ट्रीयल एसोसिएशन हापुड़ की स्थापना कराई। वेस्टर्न यू०पी० चैम्बर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज बोम्बे बाजार मेरठ के जीवन पर्यन्त उपाध्यक्ष रहे। हापुड़ के एस०एस०वी० डिग्री कालेज में पूर्व छात्र परिषद के संस्थापक अध्यक्ष रहे।
पत्रकारिता के क्षेत्र में वह दैनिक पंजाब केसरी दिल्ली, स्वतंत्र भारत लखनऊ, दैनिक आज के संवाददाता रहे और पत्रकारिता के क्षेत्र में पदार्पण करने वाले नये पत्रकारों को जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।अब श्री लौकेश कुमार सिंघल के बेटे शान्तनु सिंघल व पौत्र गवस्थी सिंघल ने उनकी स्मृति को सदैव चिरस्थाई बनाए रखने के लिए उनके सेवा कार्यों को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया है।
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