हापुड़ में फैला है अवैध कालोनियों का मकड़जाल
हापुड़, सीमन (ehapurnews.com): यदि हापुड़ में किसी दलाल के माध्यम से घर बनाने के लिए प्लाट खरीदने का प्लान बना रहे है तो सावधान हो जाएं, क्योंकि आपकों पहले यह जानना जरुरी है कि कोलोनाइजर द्वारा काटी गई कालोनी हापुड़-पिलखुवा विकास प्राधिकरण से स्वीकृत है, अथवा नहीं, यदि स्वीकृत है तो भी यह जानना जरुरी है कि कालोनी के जिस हिस्से में आप प्लाट या घर खऱीद रहे है, वह भाग स्वीकृत कालोनी का हिस्सा है, अथवा नहीं। वैसे तो पूरे जनपद में अवैध कालोनियों की भरमार है।
जनपद हापुड़ का शायद ही कोई ऐसा मुख्य मार्ग, सम्पर्क मार्ग बचा हो, जहां अवैध कालोनियां न काटी जा रही हों। कालोनी के धंधेबाज भोले-भाले किसानों को अपने झांसे में फंसा लेते है और भी किसान की भूमि पर प्लाटिंग कर सड़क मार्ग बनाते है, पेड़-पौधे लगाते है, लम्बा-चौड़ा गेट लगाते है। दलाल कुर्सी- मेज डाल कर प्लाट बेचना शुरु करते है। यानि कि प्लाटिंग के दौरान ग्राहक को ऐसा सब्जबाग दिखाते है कि कालोनी पूरी तरह वैध है, जबकि कालोनी मानक से कोसों दूर होती है।
विकास प्राधिकरण की टीम इन अवैध कालोनियों पर बुलडोजर भी चलाती है। फिर बैखोंफ लोगों पर बुलडोजर का कोई असर नहीं होता और निरंतर प्लाट बिकते रहते है। अवैध कालोनियों में अवैध निर्माण भी तेजी से हो रहे है और आवासियों भवनों को व्यवसायिक भवनों में धड़ल्ले से बदला जा रहा है। हापुड़ प्राधिकरण इस मामले पर चुप्पी साधे है।
अवैध कालोनियों में बने अवैध भवनों पर बिजली दफ्तर कनैक्शन दे रहा है औऱ नगर पालिका सुविधा दे रही है। अवैध कालोनियों में लोगों को प्लाट खरीदने से बचना चाहिए।
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