हापुड़, सीमन (ehapurnews.com): ऊर्जा निगम के अधिकारियों का विवादों से पुराना नाता है। अब ऊर्जा निगम के अधिकारियों ने 7.13 लाख रुपए का जुर्माना घटाकर 2.49 लाख रुपए कर दिया है यहां तक की एक लाख का शमन शुल्क जमा कराए बिना ही दूसरी बार ओटीएस योजना में प्रकरण को शामिल करके जुर्माने को कम से कम जमा कराया। हालांकि अधीक्षण अभियंता अवनीश कुमार का कहना है कि पहले शमन शुल्क जमा होना चाहिए था। उसके बाद जुर्माना जमा होता अधिकारियों ने ऐसा क्यों किया इसकी जांच की जाएगी।
मामला 21 जून 2022 का है जब हापुड़ डिवीजन के मोहल्ला नवाजीपुरा निवासी रिजवाना पत्नी सरताज के यहां चेकिंग की गई जिसके बाद अधिकारियों ने सात लाख 13,362 रुपए का बिजली चोरी का जुर्माना बनाकर नोटिस भेजा। इसके बाद उपभोक्ता ने प्रत्यावेदन देकर जुर्माने को नियम अनुसार बनाने का आग्रह किया जिस पर तत्कालीन अधिशासी अभियंता ने जुर्माने को सही करते हुए 336261 रुपए बिल में संशोधन करके घटाते हुए उपभोक्ता के लेजर से भी हटा दिए। नवंबर 2023 में विभाग में एकमुश्त समाधान योजना शुरू की और योजना के तहत बिजली चोरी के मामले को भी शामिल करते हुए छूट प्रदान की और छूट प्रदान करते हुए 2,49,678 रुपए जमा कर लिया जबकि शमन शुल्क एक लाख जुर्माना जमा नहीं कराया जिसके बाद से अधिकारी सवालों के घेरे में हैं। मामले की शिकायत ऊर्जा निगम के चेयरमैन और एमडी से की गई है।
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