शहीद दिवस के अवसर पर क्षय रोग विभाग की टीम ने टीबी के प्रति जागरूक किया
– रामलीला मैदान के बाहर आते-जाते लोगों को वितरित किए पैंफलेट
– लोगों को टीबी के लक्षण बताए और उपचार के बारे में जानकारी दी
हापुड़, सीमन (ehapurnews.com): हापुड़, 10 मई, 2024। 1857 की क्रांति की याद में मेरठ और हापुड़ जनपद में हर वर्ष 10 मई को शहीद दिवस मनाया जाता है। इस मौके पर क्षय रोग विभाग द्वारा टीबी के प्रति जागरूकता के लिए कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. सुनील कुमार त्यागी के कुशल निर्देशन में इस बार भी टीबी के प्रति जागरूक करने के लिए विभाग की ओर से अभियान चलाया गया। जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डा. राजेश सिंह ने बताया – टीबी शरीर के किसी भी अंग को प्रभावित कर सकती है, लेकिन अधिकतर मामलों में यह फेफड़ों को प्रभावित करती है। फेफड़ों की टीबी को पल्मोनरी टीबी कहते हैं। पल्मोनरी टीबी संक्रामक होती है, जो सांस के जरिए फैलती है। इसलिए रोगी के परिवार के सभी सदस्यों को टीबी प्रीवेंटिव थेरेपी (टीपीटी) दी जाती है।
डीटीओ ने बताया – टीबी से बचाव के लिए जागरूकता जरूरी है, इसलिए विभाग समय-समय पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करता है। शुक्रवार को शहीद दिवस के अवसर पर भी जागरूकता अभियान चलाया गया। अभियान के तहत जिला पीपीएम समन्वयक सुशील चौधरी के नेतृत्व में टीबीएचवी राजकुमार और हरिश्चंद्र की टीम ने रामलीला मैदान के बाहर पैंफलेट वितरित किए और आते-जाते लोगों को टीबी के बारे में विस्तार से जानकारी दी। आमजन को बताया गया कि दो सप्ताह से अधिक खांसी या बुखार, खांसी के साथ बलगम या खून आना, रात में सोते समय पसीना आना, वजन कम होना, थकान रहना, सीने में दर्द रहना, यह सब टीबी के लक्षण हो सकते हैं। इनमें से एक भी लक्षण नजर आने पर टीबी की जांच करानी जरूरी है।
सुशील चौधरी ने बताया- टीबी की जांच और उपचार की सुविधा सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर उपलब्ध है। नियमित उपचार के बाद टीबी पूरी तरह ठीक हो जाती है। निक्षय पोषण योजना के तहत उपचार के दौरान क्षय रोगी के खाते में हर माह पांच सौ रुपए भेजे जाते हैं, ताकि रोगी को पोषण युक्त भोजन करने में मदद हो सके।
ओम कान्वेंट जूनियर हाई स्कूल में प्रवेश प्रारंभ: 9259169761