पहले स्वयं को सुधारें:प्रवीण जैन
हापुड,सीमन/सुरेश जैन(ehapurnews.com): जैन समाज के दस दिवसीय दशलक्षण महापर्व के तीसरे दिन आदिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर मे जैन भक्तो को वीरवार को उत्तम आर्जव धर्म पर प्रवचन करते हुए जैन विद्धान प्रवीण जैन शास्त्री (सागानेर) ने कहा कि आर्जव धर्म का अर्थ है कि हम माया, कपट को छोड़कर मन वचन से सरल बने। हम अपने अन्तकरण से जुड़कर अपना वास्तविक स्वरूप को जाने।दूसरो को सुधारने से अधिक स्वंय के सुधार पर ध्यान दे। जीवन की वास्तविकता बाह्य जगत के भ्रमण मे नही है, अपने अन्तकरण को पवित्र बनाने मे है। प्रातःकाल अभिषेक पूजन, शान्तिधारा तथा विधा गुरु विधान पाठ का आयोजन हुआ। विधान पाठ जैन समाज के महामंत्री अशोक जैन, सौरभ जैन के सौजन्य से हुआ। जैन भक्तो से श्रद्धांपूर्वक विधान पाठ मे बैठकर पूजा अर्चना की। जैन समाज के अध्यक्ष अनिल कुमार जैन, अशोक जैन, सुखमाल जैन, पंकज जैन, सुरेश चन्द जैन, सुशील जैन, पुलकित जैन, राजीव जैन, विकास जैन, रेणुका जैन,रेखा जैन, प्रगति जैन, निशा जैन, मगन जैन, सरोज जैन आदि उपस्थित थे।
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सुधीर जैन व पुलकित जैन की ओर से पर्युषण दशलक्षण महापर्व की हार्दिक शुभकामनाएं