सरसों के स्टाक पर मंडी शुल्क की भारी चोरी
हापुड़, सीमन (ehapurnews.com): लोकसभा चुनाव के बाद तेल-तिलहन के दामों में चटकी आने की सम्भावना को देखते हुए सरसों का स्टाकिस्ट मैदान में आ गया है, स्टाकिस्ट लोकल व राजस्थान की सरसों का लिवास है जिस कारण गारंटी की सरसों के भाव भड़क कर 5500-5600 रुपए प्रति क्विंटल हो गए। फिलहाल हापुड़ में 15-20 हजार बोरी सरसों का स्टाक बताया जा रहा है जिस पर मंडी शुल्क की भारी चोरी हुई है।
हापुड़ के नवीन मंडी स्थल, पक्काबाग व भगवती गंज में स्थानीय सरसों की आवकें हो रही है। जिससे तेल की छोटी यूनिट के संचालक हाथों-हाथ ले जाते है, इसके अतिरिक्त बड़ी तेल यूनिटें राजस्थान की मंडियों से आपूर्ति कर रही है। सरसों में तेजी को देखते हुए सरसों का स्टाकिस्ट भी मैदान में आ कूदा है और वह लोकल तथा राजस्थान की मंडियों से सरसों मंगा कर स्टाक कर रहा है।
राजस्थान की मंडियों से सरसों से लदे ट्रक रोजाना भोर होने से पहले हापुड़ पहुंच जाते है और गोदामों में सरसों अनलोड करके चले जाते है। हापुड़ के जरौठी रोड, भगवती गंज, पक्काबाग, नवीन मंडी स्थल और नई मंडी पक्काबाग में गोदाम सरसों से भरे पड़े है। ऐसा नहीं है कि मंडी समिति की जानकारी में यह तथ्य नहीं है, वह तो जानकर भी अनजान बने है, क्योंकि प्रति बोरी कमीशन मंडी समिति का कर्मचारी ले जाता है।
सूत्र बताते है कि हापुड़ में करीब 15-20 हजार सरसों का स्टाक है, जो मंडी शुल्क की चोरी का है। सरसों स्टाक का धंधा पूरी तरह से नम्बर-2 का है, इसलिए नकदी पर टिका है, यानि कि कारोबार व स्टाक में काली कमाई का निवेश किया गया है।
सूबे की सरकार को टैक्स चोरों व इस धंधे को संरक्षण देने वाले कर्मचारियों के विरुद्ध सख्त कदम उठाने चाहिए, ताकि सरकार को राजस्व मिल सके।
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