हापुड़, सीमन (ehapurnews.com): बाबूगढ़ स्थित भारतीय रक्षा प्रणाली के एस्टीमेट में गड़बड़ी के मामले में तत्कालीन एक्सईएन मनोज कुमार समेत पांच को चार्जशीट जारी की गई है। भ्रष्टाचार के आरोप में लिप्त अधिकारियों को प्रथम दृष्टया दोषी मान लिया गया है। चार्जशीट जारी होने के बाद उनका जवाब आने के बाद आगे की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
यह है मामला :
जनपद हापुड़ के बाबूगढ़ में स्थित भारतीय रक्षा प्रणाली एमईएस के एस्टीमेट में ऊर्जा निगम के अधिकारियों ने अपनी जेब गर्म करने के लिए करीब 40 लाख रुपए की गड़बड़ी कर दी। एमईएस को निर्बाध सप्लाई के लिए अंडरग्राउंड केबल की जरूरत थी। इसके लिए 1700 मीटर दूरी तक केबल डाला जाना था। आवेदन के बाद एस्टीमेट बनाया तो यह 1.61 करोड़ से अधिक राशि का बना। इसके बाद अधिकारियों ने भ्रष्टाचार का खेल शुरू कर दिया। सूत्र बताते हैं कि नियमों की आड़ में अधिकारियों ने 40 लाख रुपए से ज्यादा का फर्जीवाड़ा किया।
ठेकेदार से होकर मिलता रुपया :
फर्जीवाड़ा के खेल में 40 लाख रुपए सीधे अधिकारियों की जेब में नहीं जाते बल्कि ठेकेदार से होते हुए अधिकारियों तक पहुंचते। विश्वसनीय सूत्र बताते हैं कि मामला खुलने पर रकम नहीं बंट पाई।
एक ही पत्रांक पर बनाए दो एस्टीमेट :
बिजली विभाग के अधिकारी इस तरह लापरवाह है कि अपनी जेब गर्म करने के लिए उन्होंने एक ही पत्रांक पर तो एस्टीमेट बना दिए। बाबूगढ़ स्थित एमईएस को निर्बाध बिजली आपूर्ति देने के लिए 29 सितंबर 2020 में पहला एस्टीमेट बनाया गया था जो एक करोड़ 61 लाख 81 हजार 368 रुपए का था जबकि दूसरा एस्टीमेट एक करोड़ 61 लाख 81 हजार 350 रुपए का था। दोनों एस्टीमेट एक ही पत्रांक पर बनाए गए जिनमें मात्र 18 रुपए का अंतर था।
मुरादाबाद के मुख्य अभियंता कर रहे जांच:
जांच प्रभावित ना हो इसके लिए विभाग ने मुरादाबाद के ऊर्जा निगम के मुख्य अभियंता को जांच सौंपी है। मामले में चार्जशीट जारी की गई है।
इन्हें चार्जशीट जारी :
तत्कालीन एक्सईएन मनोज कुमार, ड्राफ्टमैन जीत सिंह, तत्कालीन एसडीओ सुनील कुमार, जेई महकार सिंह, जेई ईश्वर सिंह को चार्जशीट जारी की गई है जिन्हें प्रथम दृष्टया दोषी मान लिया गया है। भेद खुलने पर 22 लाख 74 हजार 950 रुपए बिल में समायोजित कराए गए।
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