हापुड सीमन (ehapurnews.com): जनपद हापुड़ के धौलाना क्षेत्र के गांव पारपा में दहशत का पर्याय बन चुके तेंदुए को आखिर तेज तर्रार अधिकारी ने तीन घंटों के भीतर जाल बिछाकर दबोच लिया। इसके बाद ग्रामीणों ने राहत की सांस ली। गांव पारपा में तेंदुए का जबरदस्त आतंक होने के चलते लोगों में दहशत व्याप्त थी। रात को तो क्या ग्रामीण दिन में भी घरों से बाहर निकलने में परहेज कर रहे थे। जिन लोगों ने तेंदुए को क्षेत्र में देखा वह जंगलों व खेतों में जा ही नहीं पा रहे। तेंदुए के रूप में गांव में मंडराती मौत देखकर ग्रामीण डर के साए में जी रहे थे। जैसे ही ग्रामीणों ने फॉरेस्ट विभाग को मामले से अवगत कराया तो वन विभाग के अधिकारियों ने तेंदुए को पकड़ने के लिए एक रणनीति बनाई।
फॉरेस्ट रेंजर की रणनीति काम आई:
फॉरेस्ट रेंजर मुकेश चंद्र कांडपाल ने बताया कि उन्होंने गांव में पहुंचकर उस-उस स्थान का निरीक्षण किया जहां उन्होंने तेंदुए को देखा था जिसके बाद जिस स्थान पर तेंदुए की अधिक आवाजही दिखाई दी उस जगह वन विभाग की टीम ने जाल बिछाया। फॉरेस्ट रेंजर मुकेश चंद्र कांडपाल का इस तरह के ऑपरेशंस में काफी अच्छा खासा तजुर्बा है जिन्होंने अपने अनुभव के साथ-साथ विशेषज्ञों की सलाह पर तेंदुए को पकड़ने के लिए जाल बिछाया और यह अनुमान एकदम सटीक साबित हुआ। वन विभाग ने जाल बिछाया जहां महज तीन घंटे के भीतर ही जाल में फंसे तेंदुए का रेस्क्यू किया।
हापुड़ आया तेंदुआ:
जाल बिछाने के लिए सटीक अनुमान बेहद जरूरी है अन्यथा तेंदुए को पकड़ना चुनौती बन जाता है। हालांकि यहां अधिकारियों का तजुर्बा बेहद काम आया जिन्होंने कुछ ही घंटे में ग्रामीणों को राहत दिलाई। वन विभाग की टीम तेंदुए को पकड़कर हापुड़ रेंज ऑफिस ले आई। इसके बाद आगे की कार्रवाई जारी है। वन विभाग यह पता लगाने में जुटा है कि आखिर यह तेंदुआ यहां कैसे पहुंचा?
क्या कहा फारेस्ट रेंजर ने:
फॉरेस्ट रेंजर मुकेश चंद्रकांड़ पाल ने बताया कि गांव पारपा, नगला छज्जू, समाना आदि के जंगल और नहर किनारे तेंदुआ दिखने की सूचना प्राप्त हो रही थी जिसे पकड़ने के लिए 28 दिसंबर को अपर गंगा नहर मील 115 से 116 के मध्य जाल लगाया गया। शनिवार की दोपहर तेंदुआ जाल में फंस गया जिसे अन्य जाल की सहायता ढाई से तीन घंटे के भीतर रेस्क्यू कर लिया गया। पकड़ा गया तेंदुआ नर है जो कि जवान है। इस तेंदुए को पकड़ने के दौरान कोई घायल नहीं हुआ और तेंदुए को भी सुरक्षित तरीके से पकड़ा गया है। 50 से 70 किलो वजनी इस तेंदुए को शिवालिक वन प्रभाग में छोड़ा जाएगा।
दिन-रात एक कर पकड़ा तेंदुआ:
अपनी जिंदगी को दाव पर लगाकर तेंदुए को पकड़ने वाली वन विभाग की टीम में फॉरेस्ट रेंजर हापुड़ मुकेश चंद्रकांड पाल, फॉरेस्ट रेंजर गढ़मुक्तेश्वर करण सिंह, डिप्टी रेंजर शशि शेखर शर्मा, वन दरोगा संजीव कुमार, वन दरोगा गौरव, वन रक्षक राहुल आदि स्टाफ मौजूद रहा जिसने दिन-रात एक कर तेंदुए को पकड़ने में सफलता हासिल की।
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