Hapur: कांग्रेस के प्रदेश ने कहा कि प्रदेश में किसानों की दुर्दशा

Hapur: कांग्रेस के प्रदेश ने कहा कि प्रदेश में किसानों की दुर्दशा Originally posted 2020-02-21 17:20:12.

सब्जियां कोड़ियों के दाम, किसान लुट रहा है

हापुड़: लॉकडाउन में जनपद हापुड़ का सब्जी उत्पादक पूरी तरह लुट चुका है। सब्जी किसान को न तो उसके उत्पाद का उचित मूल्य मिल रहा है औ न ही कोई नेता किसान के आंसू पौंछ रहा है। आज हापुड़ के सब्जी बाजार में किसान की सब्जियां कोड़ियों के भाव बिक रही है जिस कारण खेत से मंडी तक पहुंचाने का खर्च भी नहीं निकल रहा है। किसान चुकंदर, बंद गोभी आदि को या तो मवेशियों को खिला रहा है अथवा उन्हें खेत में जोत रहा है। जनपद हापुड़ के ग्रामीण इलाकों में लॉकी, तोरी, टमाटर, खीरा, बैंगन, बंद गोभी, गाजर, भिंडी, टिंडा, ककड़ी, खरबूजा, धनिया आदि बड़े पैमाने पर खेती होती है। हापुड़ से दिल्ली को बड़े पैमाने पर हरी सब्जियां का निर्यात होता है। लॉकडाउन का हरी सब्जियों के निर्यात पर प्रतिकूल असर पड़ा है। नवीन मंडी स्थल पर एक पल्लेदार के कोरोना संक्रमित मिलने पर सब्जी मंडी को ततारपुर के पास मेरठ बाईपास पर स्थानांतरित कर दिया गया है। स्थानांतरित स्थल पर सुविधाओं का अभाव है। यह स्थानांतरण व्यापारियों व सब्जी उत्पादकों पर पहाड़ बनकर टूटा है और हरी सब्जियों को अब कोई पूछने वाला नहीं है। हापुड़ मंडी में लॉकी, तोरी, टमाटर, भिंडी, बैगन, टिंडा आदि हरी सब्जियां थोक में चार-पांच रुपए प्रति किलो तथा गाजर, टमाटर, हरा धनिया, बंदगोभी की पूरी तरह मिट्टी पलित हो रही है। हरा धनिया दो रुपए प्रति किलो तक बिक रहा है। फुटकर हरी सब्जियों के दाम आमतौर पर आठ रुपए से 15-20 रुपए प्रति किलो है। खेत में सब्जी जोतने को मजबूर: खरबूजा, तरबूज फुटकर 20 प्रति किलो तथा अंगूर 40 रुपए…

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