11 अगस्त को हापुड़ के देशभक्तों को याद किया जाएगा
हापुड़, सीमन (ehapurnews.com): स्वाधीनता आंदोलन में हापुड़ भी पीछे नहीं रहा और स्वाधीनता संग्राम के हर आंदोलन में हापुड़ वासियों ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया और अनेक बलिदानियों ने देश की रक्षा हेतु अपने प्राण न्यौछावर कर दिए।
11 अगस्त-1942 के दिन अंग्रेजी हुकूमत का विरोध करत हुए हापुड़ में एक विशाल जुलूस निकाला गया। जुलूस में शामिल लोग अंग्रेज भारत छोड़ो के नारे लगा रहे थे। इस दिन हापुड़ के अतरपुरा चौपला पर अंग्रेज पुलिस ने आंदोलनकारियों को घेर लिया और अंग्रेजी हुकूमत के विरोध में निकाले जा रहे जुलूस को समाप्त करने की अपील की, परंतु देशभक्त सिपाही अंग्रेजों की पिट्ठू पुलिस के आगे झुके नहीं और भारत माता की जय के उद्घोष से जुलूस आगे बढ़ता ही रहा। गुस्साई अंग्रेज पुलिस ने देशभक्तों पर गोली चला दी और चार देश भक्त शहीद हो गए। अतरपुरा पर बने शहीद स्मारक के भवन की दीवारों पर आज भी निशान बने है। उनकी स्मृति में एक छोटा शहीद स्मारक बना है। हापुड़ के शहीद लाला मांगेलाल, गिरधारी लाल, राम स्वरुप, अंगनलाल की स्मृति में 11 अगस्त को हर साल लोग एकत्र होते है और शहीद स्मारक दीपदान कर शहीदों को याद करते है।
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