हापुड़, सत्य प्रकाश सीमन की खास रिपोर्ट (ehapurnews.com): नगर पालिका परिषद हापुड़ के चेयरमैन पद हेतु अनुसूचित जाति की महिला के लिए आरक्षित होते ही दर्जनों महिलाएं मैदान में आ कूदी जिन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से भाजपा में अपनी सक्रिय सहभागिता की उपस्थिति का आभास कराया। परंतु भाजपा से टिकट की बाजी मार ले गई डा.सोमती केन। आइए हम आपकों बताते हैं भाजपा में टिकट वितरण का राज।
भाजपा के जिला संगठन, क्षेत्रीय संगठन तथा जन प्रतिनिधियों ने पहले ही राउंड में दौड़ में शामिल सभी महिलाओं को दौड़ से बाहर कर दिया और तीन सम्भावित प्रत्याशियों का एक पैनल तैयार किया जिसमें डा.सोमती कैन, भूतपूर्व चेयरमैन मालती भारती तथा भाजपा की क्षेत्रीय मंत्री कविता माधरे। भाजपा संगठन ने पैनल में शामिल तीनों महिलाओं की संगठन के प्रति निष्ठा, समर्पण कर कोई संदेह व्यक्त नहीं किया, परंतु कविता माधरे को आर्थिक दृष्टि से कमजोर प्रत्याशी आंका गया। इस आधार पर कविता माधरे को दौड़ से बाहर कर दिया गया जिसका आभास कविता माधरे के पति मोहन सिंह को घोषणा से 3-4 दिन पहले ही हो गया।
चेयरमैन पद पर भाजपा से टिकट की दौड़ में डा.सोमती केन व भूतपूर्व चेयरमैन मालती भारती रह गई। भाजपा प्रदेश हाई कमान का रुख मालती भारती की ओर झुकता हुआ देख भाजपा का नगर, जिला, क्षेत्रीय संगठन व जन प्रतिनिधि डा.सोमती केन के पक्ष में खड़ा हो गया और आर.एस.एस नेता भी डा.सोमती केन के समर्थन में आ गए। डा.सोमती केन के पक्ष में खड़े हुए नेताओं ने मालती भारती के कार्यकाल में भाजपा कार्यकर्ताओं की समस्याओं के हल में रुचि न लेने तथा सम्पत्ति आदि का ब्यौरा हाई कमान को दिया। मालती के कार्यकाल के दौरान सूबे में सपा की सरकार थी और अखिलेश यादव सीएम थे। भाजपा संगठन के नेताओं की हठधर्मिता के आगे भाजपा प्रदेश हाई कमान ने डा.सोमती केन के नाम पर मुहर लगा दी जिसकी सूचना भाजपाइयों को हापुड़ में 20 अप्रैल को ही मिल गई थी।
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