दान, धर्म व कर्म को अक्षय करने वाला है अक्षय तृतीया का पर्व
हापुड़, सीमन (ehapurnews.com): दान, धर्म व कर्म को अक्षय करने वाला अक्षय तृतीया 10 मई 2024 दिन शुक्रवार को है। भारतीय ज्योतिष कर्मकांड महासभा के अध्यक्ष ज्योतिषी के. सी. पाण्डेय ने बताया कि भविष्य पुराण के अनुसार अक्षय तृतीया को गंगा स्नान करने से मनुष्य समस्त पापों से मुक्त हो जाता है।
यह है मुहूर्त:
अक्षय तृतीया 10 मई को ब्रह्म मुहूर्त में 4:18 से रोहिणी नक्षत्र में प्रारम्भ होगा। देवी भागवत पुराण में वर्णन है कि अक्षय तृतीया के दिन रोहिणी नक्षत्र में जो भी जल से भरे घड़े का पूजन कर दान करता है वो शिवलोक को जाता है। रोहिणी नक्षत्र 10 मई को सुबह 10.47 तक है। तृतीया तिथि 11 मई 2024 देर रात्रि 2:50 तक रहेगी। अतः अक्षय तृतीया दान, धर्म व कर्म के दिन पूरे दिन शुभ रहेगा।
भगवान परशुराम की पूजा से मिलेगा मनोवांक्षित फल:
स्कन्द पुराण के अनुसार भगवान के 6ठे अवतार श्री परशुराम जी का प्राकट्य भी त्रेतायुग में बैसाख शुक्ल तृतीया को पुनर्वसु नक्षत्र में रात्रि के प्रथम पहर (प्रदोष काल) में हुआ था। अतः इस दिन भगवान परशुराम जी की पूजा आराधना करने से मनोवांक्षित फल प्राप्त होता है। इसी दिन किसी भी अच्छी वस्तुओं का क्रय विशेषरुप से स्वर्ण आभूषण आदि शुभ होता है तथा सोना, गेहूँ, दही, चावल, जल, छाता, गर्मी में आराम देने वाली वस्तुओं का दान करना चाहिए। सत्तू के दान का भी विशेष महत्व है। अक्षय तृतीया को समुद्र स्नान करने से एक हजार गोदान का फल प्राप्त होता है। दोपहर 12.06 से 2.38 तक सुकर्मा योग के साथ अभिजीत मुहूर्त, स्थिर लग्न व शुभ की चौघड़िया होने से समस्त मंगल कार्य के लिए अत्यंत शुभ है। इस दिन चंद्रमा व गुरु के साथ वृषभ राशि में गज केसरी योग बन रहा है जो अत्यंत ही शुभ है।
सुबह 10:45 से रवि योग भी होगा आरंभ:
प्रदोष काल में ज़ब स्थिर लग्न हो समस्त कार्य सिद्ध होंगे। सुबह 10:45 से रवि योग भी आरंभ होगा जो और भी शुभता प्रदान करेगा। इस दिन किया हुआ जप, तप, व्रत, दान पुण्य सब कुछ अक्षय हो जाता है अर्थात उसका कभी क्षय नहीं होता। इसलिए इसे अक्षय तृतीय नाम दिया गया है। इस दिन किसी भी प्रकार के अनैतिक व पापकर्म से बचना चाहिए क्योंकि वो अक्षय हो जाता है अर्थात कभी समाप्त नहीं होता। उसका फल भोगना ही पड़ता है। इस दिन ही त्रेता युग का शुभारंभ व 10 महाविद्याओं में से मातंगी देवी का प्राकट्य महोत्सव भी है। संपूर्ण कामनाओं की सिद्धि और भय की निवृति और मोक्ष प्राप्ति के लिए इस दिन किसी भी नदी, समुद्र में स्नान, भगवान पूजन, हवन अवश्य करना चाहिए। इस बार अक्षय तृतीया पर शुक्र व गुरु ग्रह के अस्त होने से वैवाहिक व अन्य मंगल कार्य के लिए मुहूर्त का विशेष ध्यान रखना चाहिए। स्नान, दान व धार्मिक अनुष्ठान का पूर्ण शुभफल पूरे दिन प्राप्त होगा।
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