कवि सम्मेलन में कवियों ने बहाई रस की धारा
हापुड, सीमन (ehapurnews.com): भारत विकास परिषद हापुड़ परिवर्तन के तत्वावधान में बुधवार की रात हापुड में कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया।
परिषद की अध्यक्ष डा आराधना बाजपेई,सचिव शिल्पी गर्ग, कोषाध्यक्ष रेखा सिंह,महिला संयोजिका बीना गर्ग एवं मीडिया प्रभारी बबिता सिंह ने दीप प्रज्वलन करके कवि सम्मेलन का शुभारंभ किया और कवियो को प्रतीक चिन्ह,पटका,श्रीफल भेंटकर सम्मानित किया।
कवि सम्मेलन का मंच संचालन करते हुए डा अनिल बाजपेई ने पढ़ा” जितने फूल हैं बाग में उद्यान में,उतनी वृद्धि हो तुम्हारे मान में सम्मान में,तुम महकते रहो गुलाब की तरह हरदम,दुआओं के शब्द हैं इतने, जितने सितारे हैं आसमान में “हरियाणा से पधारे कवि धर्मवीर शर्मा निश्चिंत ने पढ़ा “स्वच्छ निर्मल सा गंगा का पानी हो तुम
इन फ़िज़ाओं की पूरी रवानी हो तुम
मैं पढ़ूँ जो तुम्हें तो कहाँ से पढ़ूँ
मेरे जीवन की पूरी कहानी हो तुम,”
दिल्ली से पधारी कवयित्री सरला मिश्रा ने पढ़ा,”
बिना सूरज कभी गहरा अंधेरा छट नही सकता |
अगर है प्यार सच्चा तो किसी से बंट नहीं सकता |
मिलेंगी मुश्किलें तनहाइयां चिन्ता निराशाऐं|
मगर सच्चाइयों का बल कभी भी घट नहीं सकता ”
डा आराधना बाजपेई ने पढ़ा,”बढ़ना है अगर आगे तो रह गढ़ों तुम ,वैशाखियो को छोड़ स्वयं आगे बढ़ो तुम,अर्जुन का सारथी तो सदा कृष्ण रहा है पर बनके पार्थ कौरवों से स्वयं लड़ो तुम ”
गाजियाबाद से पधारे कवि वैभव शर्मा ने पढ़ा, ” जब जब भारत की धरती पर आक्रांताओं का तंत्र हुआ, नवयुवकों के प्राणों से भारत फिर स्वतंत्र हुआ !! “पटियाली -कासगंज से पधारे ओज कवि शरद लंकेश ने मां का वर्णन करते हुए कहा
इस धरती से उस अम्बर तक, मां का रूप निराला है।
सर से लेकर पांव तो वो रत्न जड़ी इक माला है।
लक्ष्मण यति ने पढ़ा”बिल्ली हमको पढ़ा रही हिंसा करना पाप है, क्षण भर में पता लगा वह चूहा ही साफ है”
सहसंयोजिका मीनू शर्मा ने कहा समाज में कवियों का योगदान अवर्णनीय है। कवि समाज में फैली विसंगतियों पर प्रहार करते हैं।
इस अवसर पर ममता अग्रवाल,एडवोकेट ज्योति सिंह,बीना वर्मा,बबिता सिंह,शिल्पी गर्ग,डा आराधना बाजपेई रेखा सिंह,बीना गर्ग,नानक चंद शर्मा वीरेंद्र गुप्ता सहित शहर के अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।
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सरस्वती कॉलिज ऑफ फार्मेसी में प्रवेश प्रारम्भ : 8791865453, 7217316586