मौसमी फल और सब्जी जरूर खाएं : डीटीओ डा. राजेश सिंह
लक्षण नजर न आने पर परिवार के सदस्यों की टीबी जांच जरूरी
क्षय रोगी पौष्टिक आहार के साथ दवा भी नियमित रूप से खाते रहें
आईएमए पिलखुवा ने 10 क्षय रोगी गोद लेकर पुष्टाहार वितरित किया
हापुड़, सीमन (ehapurnews.com): हापुड़, 22 मई, 2024। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. सुनील कुमार त्यागी के कुशल निर्देशन में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) पिलखुवा की ओर से बुधवार को 10 क्षय रोगी गोद लिए गए। डा. उमेश गुप्ता की क्लीनिक पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डा. राजेश सिंह की अगुवाई में आईएमए पदाधिकारियों ने अपने कर कमलों से क्षय रोगियों को पुष्टाहार वितरित किया। इस मौके पर आईएमए पिलखुवा के सचिव डा. नरेंद्र कांटीवाल, डा. नमिता अग्रवाल और डा. अनिल अग्रवाल मुख्य रूप से मौजूद रहे। डीटीओ डा. राजेश सिंह ने क्षय रोगियों का हाल चाल जानने के साथ ही उन्हें इस बात की ताकीद की कि परिवार के सभी सदस्यों की टीबी जांच अवश्य कराएं, भलें उनमें टीबी का कोई लक्षण नजर आए या न आए, उनकी जांच जरूरी है।
डीटीओ डा. सिंह ने जल्दी रिकवरी के लिए नियमित रूप से दवा खाने के साथ ही खानपान को लेकर भी जरूरी बातें क्षय रोगियों को बताईं। उन्होंने कहा- अपने भोजन में मौसमी फल और सब्जियां अवश्य शामिल करें। मौसमी फल और सब्जियां सस्ती होती हैं और मौसम के अनुकूल होने के कारण यह प्रकृति का तोहफा भी हैं। अपने खाने में दाल अवश्य शामिल करें। दाल से हमें प्रोटीन मिलता है। इसके साथ ही पुष्टाहार के साथ प्रदान किए गए प्रोटीन पाउडर के खाने का तरीका भी डीटीओ ने क्षय रोगियों को बताया। उन्होंने कहा – संक्रमण के कारण मृत कोशिकाओं के पुनर्निर्माण के लिए क्षय रोगियों को अतिरिक्त प्रोटीन की जरूरत होती है। प्रोटीन पाउडर को दूध में मिलाकर पिएं। यदि दूध उपलब्ध न हो तो गर्म पानी में अच्छे मिलाकर भी प्रोटीन पाउडर पी सकते हैं। स्वाद के लिए शक्कर भी मिला सकते हैं, लेकिन ध्यान रखें कि शुगर रोगियों को शक्कर नहीं मिलानी है।
डीटीओ ने बताया क्षय रोगियों को दवा उनके वजन के मुताबिक दी जाती है। सरकारी दवाएं भी उतनी ही अच्छी और कारगर हैं। प्राइवेट दवाओं के नाम अलग हो सकते हैं लेकिन उनमें कोई फर्क नहीं है। नियमित रूप से दवा खाने से टीबी पूरी तरह ठीक हो जाती है। जिला पीपीएम समन्वयक सुशील चौधरी ने बताया – दो सप्ताह से अधिक बुखार या खांसी, खांसी के साथ बलगम या खून आना, रात में सोते समय पसीना आना, थकान रहना, वजन कम होना और सीने में दर्द रहना क्षय रोग के लक्षण हो सकते हैं। इनमें से एक भी लक्षण नजर आने पर टीबी की जांच करानी जरूरी है। टीबी की जांच और उपचार की सुविधा सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर उपलब्ध है। एसटीएस संगीता अरोरा और टीबीएचवी विजय कुमार ने टीबी रोगियों को मिलने वाली सुविधाओं के बारे में जानकारी दी।
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वीएचएनडी सेशन का निरीक्षण किया
डीटीओ डा. राजेश सिंह ने पिलखुवा में आयोजित क्षय रोगी एडॉप्शन कार्यक्रम में भाग लेने के बाद बतौर एसीएमओ खैरपुर खैराबाद में आयोजित वीएचएनडी (ग्राम स्वास्थ्य पोषण दिवस) सेशन का निरीक्षण किया। सेशन पर स्वास्थ्य कर्मियों की उपस्थिति चैक करने के साथ ही डा. सिंह ने दो वर्ष तक के बच्चों के नियमित टीकाकरण की स्थिति जानी और नियमित टीकाकरण की महत्ता बताते हुए कहा कि नियमित टीकाकरण कई जानलेवा बीमारियों से बच्चे की रक्षा करता है, इसलिए नियमित टीकाकरण में लापरवाही कतई न करें। उसके बाद उन्होंने आयुष्मान आरोग्य मंदिर-दहपा का भी निरीक्षण किया।
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