19 साल से लंबित चेक बाउंस के मामले में हाईकोर्ट ने मांगी रिपोर्ट
हापुड़, सीमन (ehapurnews.com): इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 19 वर्षों से विचाराधीन चेक बाउंस के मामले में जिला जज हापुड़ से रिपोर्ट मांगी है और डीजीपी की रिपोर्ट को हलफनामे के साथ दाखिल करने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति अरुण कुमार सिंह देशवाल ने गुंजन गुप्ता की धारा 482 के तहत दाखिल याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है। मामले की अगली सुनवाई आठ जुलाई को होगी।
19 साल से लंबित चेक अनादर के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जिला जज हापुड़ से रिपोर्ट मांगी है। इसके साथ ही कोर्ट ने अभियुक्त को अदालत में हाजिर होकर तीन हफ्ते में जमानत के लिए अर्जी दाखिल करने तक उसके खिलाफ उत्पीड़नात्मक कार्रवाई पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने याची से कहा कि वह अदालत में समर्पण का हलफनामा दाखिल करे तब उसके खिलाफ अपराधी केस रद्द करने की याचिका सुनी जाएगी।
कोर्ट ने चेक बाउंस के मामले में मामले की सुनवाई करने में डीजीपी से जानकारी मांगी थी कि समन, जमानती व गैर जमानती वारंट के बाद भी अभियुक्त को क्यों पेश नहीं किया गया? इस पर डीजीपी ने रिपोर्ट पेश की और बताया कि मुजफ्फरनगर में 2009 से 2022 तक तैनात रहे सभी एसपी से सफाई मांगी गई है। वही कोर्ट को बताया गया कि प्रारंभिक जांच में पता चला है कि अदालत से जारी समन, जमानती व गैर जमानती वारंट जिला कार्यालय में प्राप्त नहीं हुआ है। कोर्ट ने जिला जज हापुड़ से भी रिपोर्ट मांगी थी और कहा था कि केस छह माह में तय होना चाहिए। वह 19 वर्ष से लंबित क्यों हैं। उन्होंने बताया कि केस की मूल पत्रावली एससी/एसटी विशेष अदालत ने तलब कर ली थी जो 29 फरवरी 24 को वापस आई है। हालांकि कोर्ट ने सफाई को पर्याप्त नहीं माना और जिला जज हापुड़ से फिर से मजिस्ट्रेट से सफाई लेकर रिपोर्ट देने का आदेश दिया है। कोर्ट ने याची से कहा कि वह 19 वर्ष तक अदालत में हाजिर नहीं हो सका और मुकदमा रद्द करने हाईकोर्ट आ गया। कोर्ट ने उसे अदालत में पेश होकर जमानत प्राप्त करने का भी आदेश दिया है। अगली सुनवाई आठ जुलाई नियत की गई है।
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