हापुड़, सीमन (ehapurnews.com): 16 से 22 अगस्त 2023 गाजर घास नियन्त्रण जागरूकता सप्ताह के क्रियान्वयन के गाजर घास ( पार्थेनियम हिस्टेरोफोकस) जिसे आमतौर पर कांग्रेस घास, सफेद टोपी, असाडी गाजर, चटक चांदनी आदि नामों से जाना जाता है। एक विदेशी अकामक खरपतवार है। भारत में पहली बार 1950 के दशक में दृष्टिगोचर होने के बाद यह विदेशी खरपतवार रेलवे ट्रैक, सडकों के किनारे, बंजर भूमि, उद्यान आदि सहित लगभग 350 लाख है० फसली और गैर फसली क्षेत्रों को प्रभावित कर रहा है।
यह एक वर्षीय शाकीय पौधा है, जिसकी लम्बाई 1.5 से 2 मी0 तक होती है। यह मुख्यतः से फैलता है। इसमें एक पौधे से लगभग 5000 से 25000 बीज प्रति पौधा पैदा करने की क्षमता रहती है। बीजों इनके बीजों का प्रकीर्णन हवा द्वारा होता है जिससे इनकी संख्या में बढोतरी तेजी से होती है। पार्थेनियम पिछले कई वर्षो से खाद्यान फसलों, सब्जियों एवं उद्यानों में प्रकोप के साथ-साथ मनुष्य की त्वचा सम्बन्धी बीमारियों, एग्जिमा, एलर्जी, बुखार तथा दमा जैसी बीमारियों का प्रमुख कारण है। गाजर घास वर्ष भर फल-फूल सकता है परन्तु वर्षा ऋतु में इसका अधिक अंकुरण होने पर यह एक भीषण खरपतवार का रूप ले लेता है। इस क्रम में कृषि विभाग, उ०प्र० द्वारा दिनांक-16 से 22 अगस्त 2023 गाजर घास नियन्त्रण जागरूकता सप्ताह का आयोजन किया जाना है। जिसके अन्तर्गत गाजर घास के नियन्त्रण एवं उन्मूलन संबंधी निम्नलिखित सुझाव एवं संस्तुतियों का व्यापक प्रचार प्रसार अपेक्षित है।
1. कृषकों को गाजर घास के दुष्प्रभाव एवं नियंत्रण के बारे में जानकारी देकर जागरूक करना 2. वर्षा ऋतु में गाजर घास को फूल आने से पहले जड़ से उखाडकर कम्पोस्ट एवं वर्मी कम्पोस्ट बनाना चाहिए। 3. वर्षा आधारित क्षेत्रों में शीघ्र बढने वाली फसलें जैसे- ढैचा, ज्वार, बाजरा, मक्का आदि की फसलें लेनी चाहिए। 4. अक्टूबर-नवम्बर में अकृषित क्षेत्रों में प्रतिस्पर्धात्मक पौधे जैसे- चकौडा (सेन्ना सिरेसिया ) के बीज एकत्रित कर उन्हे फरवरी मार्च में छिड़क देनी चाहिए। यह वनस्पतियां गाजर घास की वृद्धि एवं विकास को रोकती है। 5. घर के आस-पास, बगीचे उद्यान एवं संरक्षित क्षेत्रों में गेंदे के पौधे उगाकर गाजर घास के फैलाव एवं वृद्धि को रोका जा सकता है। 6. रासायनिक नियन्त्रण हेतु ग्लाइफोसेट ( 1.0 से 1.5 प्रतिशत) अथवा मैट्रीब्यूजिन (03 से 0.5 प्रतिशत ) का छिडकाव करना चाहिए।7. जैविक नियन्त्रण हेतु मैक्सिकन बीटल (जाइगोग्रामा बाईक्लोराटा) नामक कीट को वर्षा ऋतु में गाजर घास पर छोडना चाहिए। 8. अपने परिसर को गाजर घास से मुक्त करने के लिए सभी सम्भव प्रयास करने चाहिए।
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