सीएचसी हापुड़ पर हुआ चिकित्सा अधिकारियों का टीबी प्रशिक्षण
हापुड़, सीमन (ehapurnews.com): शासन के निर्देश पर बृहस्पतिवार से टीबी उन्मूलन कार्यक्रम को लेकर चिकित्सा अधिकारियों का प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू हो गया। चिकित्सा अधिकारियों को ब्लॉक वार प्रशिक्षण दिया जाएगा। पहले दिन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी), हापुड़ के अंतर्गत आने वाले चिकित्सा अधिकारियों का प्रशिक्षण हुआ। प्रशिक्षण के दौरान 11 चिकित्सा अधिकारी मौजूद रहे। मास्टर ट्रेनर के रूप में जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डा. राजेश सिंह ने कमान संभाली।
डीटीओ डा. सिंह ने चिकित्सा अधिकारियों को टीबी उन्मूलन कार्यक्रम की विस्तार से जानकारी देते हुए शासन की मंशा के अनुरूप ग्राम रूपी इकाई से शुरुआत करते हुए जिले को टीबी मुक्त करने के लक्ष्य में जुट जाने का आह्वान किया। इसके साथ ही चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि सामान्य दिनों की ओपीडी में टीबी के लक्षण वाले पांच प्रतिशत रोगियों को टीबी जांच कराने के लिए रेफर करें। इसके साथ ही विशेष दिवसों (जैसे एकीकृत निक्षय दिवस) पर ओपीडी में आने वाले रोगियों में से कम से कम 10 प्रतिशत की टीबी जांच अवश्य कराएं।
इस मौके पर सीएचसी प्रभारी डा. दिनेश खत्री ने चिकित्सा अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा – कोई भी रोगी सबसे पहले प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर पहुंचता है और उनके (चिकित्सा अधिकारी) संपर्क में आता है, इसलिए क्षय रोगियों की पहचान तेज करने में सबसे महत्वपूर्ण जिम्मेदारी उनकी है। सर्दी, जुकाम और खांसी होने पर दवा लेने पहुंचने वाले रोगियों से मेडिकल हिस्ट्री जानें और दो सप्ताह से अधिक खांसी वाले सभी रोगियों की टीबी जांच अवश्य कराएं।
डा. खत्री ने कहा – इसके साथ ही ओपीडी में आने वाले रोगियों से टीबी के अन्य लक्षणों के बारे में भी पता करें, जैसे वजन कम होना, सीने में दर्द रहना, शाम के समय बुखार होना, रात में सोते समय पसीना आना। सभी रोगियों से इन लक्षणों पर बात करेंगे तो धीरे-धीरे आम आदमी भी टीबी के लक्षणों के बारे में जान सकेगा और टीबी के खिलाफ एक जनांदोलन खड़ा हो सकेगा। उस स्थिति में भारत को टीबी मुक्त होने से कोई रोक नहीं सकेगा।
जिला कार्यक्रम समन्वयक दीपक शर्मा और जिला पीपीएम समन्वयक सुशील चौधरी ने क्षय रोगियों के बारे में सरकार की ओर से दी जाने वाली सुविधाओं और योजनाओं के बारे में जानकारी दी और ओपीडी में आने वाले रोगियों तक यह जानकारी पहुंचाने में सहयोग करने की अपील की। उन्होंने चिकित्सा अधिकारियों का आह्वान किया कि क्षय रोगियों को निक्षय पोषण योजना की जानकारी दें, उन्हें बताएं कि टीबी की जांच और उपचार का कोई शुल्क नहीं लगता है। क्षय रोग विभाग और सरकार हर कदम पर उनके साथ खड़ी है। प्रशिक्षण सत्र के दौरान वरिष्ठ उपचार पर्यवेक्षक हसमत अली और दीपक कुमार भी उपस्थित रहे।