दस कीटनाशकों पर लगा प्रतिबंध
हापुड़, सीमन (ehapurnews.com): बासमती चावल की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए शासन ने दस कीटनाशक दवाओं के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के तीस जिलों में धान की सर्वाधिक खेती होती है। पीडा (एग्रीकल्चर एंड प्रोसेस्ड फूड प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट डेवलपमेंट ऑथरिटी) की ओर से बताया गया कि यूरोपियन यूनियन द्वारा बामसती चावल में ट्राइसाइक्लाजोल का अधिकतम फैक्टरी लग कीटनाशी अवशेष स्तर एमआरएल 0.01 पीपीएम निर्धारित किया गया है, लेकिन निर्धारित पीपीएम की मात्रा से अधिक होने के कारण यूरोप, अमेरिका एवं खाड़ी देशों के निर्यात में वर्ष 2020-21 की तुलना में वर्ष 2021-2022 में 15 प्रतिशत की कमी आई है। अपर निदेशक (कृषि) रक्षा) त्रिपुरारी प्रसाद चौधरी ने 30 जिलों में 10 कीटनाशकों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इससे बासमती की गुणवत्ता और इसके असली स्वाद को बचाया जा सकता है।
इन जिलों में होती है बासमती की खेती बासमती निर्यात विकास प्रतिष्ठान के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. रितेश शर्मा ने बताया कि बासमती वेस्ट यूपी के 30 जिलों में होती है। जिनमें आगरा, अलीगढ़, औरेचया, बागपत, बरेली, बिजनौर, बदायूं, बुलंदशहर, एटा, कासगंज, फर्रुखाबाद फिरोजाबाद, इटावा, गौमबुद्धनगर, गाजियाबाद, हापुड, हाथरस, मथुरा, मैनपुरी, मेरठ, मुरादाबाद, अमरोहा, कन्नीज, मुजफ्फरनगर, शामली, पीलीभीत, रामपुर, सहारनपुर, शाहजहांपुर, संभल आदि शामिल हैं।
प्रतिबंधित कीटनाशक ट्राइसाक्लाजोल, बुप्रोफेजिन, एसीफेट, क्लोरपाइरीफॉस, हेक्साकलोनोजाल, प्रोपिकोनाजोल, थायोमेथाक्साम, प्रोफेनोफोस, इमिडाक्लोप्रिड और कार्बेनडाजिम शामिल है।
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