उत्तर प्रदेश के जनपद हापुड़ के रहने वाला मोहसिन भी दिल्ली के दंगे की भेट चढ़ गया है। मोहसिन की मौत की खबर सुनकर पूरे गांव में गमगीन माहौल है। गांव में चूल्हे भी 2 दिन से नहीं जले हैं। घर वालों और उसकी पत्नी का रो-रो कर बुरा हाल है। मोहसिन की शादी तीन महीने पहले हुई थी। मां बाप भाई बहन और पत्नी की आंख में आंसू ही आंसू दिखाई दे रहे हैं। मृतक मोहसिन के परिवार वालों ने दिल्ली सरकार से एक करोड़ मुआवजे की मांग की है और सभी लोगों से संयम की भाईचारा बनाए रखने की अपील की। परिजनों का कहना है कि हमारा बेटा तो चला गया लेकिन और किसी का बेटा इस दंगे की भेंट ना चढ़े और सभी लोग आपस में प्यार से रहे हम सब आपस में भाई-भाई हैं।
आपको बता दें कि हापुड़ के गांव सलाई के रहने वाले मजदूर साजिद का बेटा मोहसिन नोएडा में रहकर मैरिज होल में जनरेटर रेंट पर लगाया करता था। मंगलवार को भी मोहसिन अपनी अल्टो कार में डीजल लेकर अपने काम पर जा रहा था लेकिन वह दंगा क्षेत्र में फंस गया और दंगाइयों ने उसकी गाड़ी जला दी और उसकी भी हत्या कर दी। मोहसिन मंगलवार की सुबह अपने गांव से नोएडा गया था लेकिन देर रात तक जब वापस नहीं लौटा तो उसके परिवार वालों ने उससे फ़ोन पर बात करने की कोशिश की तो फोन बंद हो गया। दिल्ली के दंगे की सूचना जैसे ही उन्हें मिली तो उसके पिता साजिद अपने बेटे की तलाश में निकल गए। जहां वह काम करता था वहां जाकर देखा तो मोहसिन का कुछ पता नहीं चल पा रहा था। उसका मोबाइल भी लगातार बंद आ रहा था। उसके पिता हिम्मत करके जीटीबी अस्पताल पहुंचे तो अपने बेटे का शव देख वह बेहोश हो गए। पूरे गांव में मातम का माहौल है। उसके परिवार के लोग अपने बेटे की शव के आने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। गांव में चूल्हे भी सूखे पड़े हैं, चारों तरफ भीड़ ही भीड़ जमा है। सबकी जुबां पर एक ही बात है आखिर मोहसिन को क्यों मारा उसकी क्या गलती थी?